Tuesday 18 January 2022

MANY POETS MANY COUPLETS...3.3

उलझा है पाँव यार का ज़ुल्फ़-ए-दराज़ में। लो आज अपने दाम में सैयाद आ गया।

Foot of my lover is trapped in her tress long known. 
Today my captor is snared in the net of her own.

सुब्ह - दम वस्ल का वादा था ये हसरत देखो।
मर गए हमदम-ए-आग़ाज़-ए-सहर आख़िर-ए-शब।

She had promised to meet me in morning. 
Desire ended with me before morning.

छोड़ बुतख़ाना को मोमिन सजदा काबे में न कर। 
ख़ाक में ज़ालिम न यूँ क़द्र-ए-जबीं साई मिला।

Leave aside temple, at Kaaba don't touch with your forehead. 
Down to dust don't degrade the dignity of your own forehead. 

ख़ाक होता न मैं तो क्या करता ?
उस के दर का ग़ुबार होना था। 

If not down to dust, what could I be mate ?
I was destined to be the dust of her gate. 

कुछ क़फ़स में इन दिनों लगता है जी। 
आशियाँ अपना हुआ बरबाद क्या ?

These days I am getting attached to the prison. 
Is my nest ruined ? Is this the reason ? 

माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्र - ए-यार की। 
आख़िर तो दुश्मनी है असर की दुआ के साथ। 

I 'll pray for parting with lover from now on. 
After all enmity in prayer and effect is known. 

मैं क्या करूं मिरे क़ातिल न चाहने पर भी। 
तिरे लिए मिरे दिल से दुआ निकलती है।..... अहमद फ़राज़...... 

What to do, even unknowingly from my heart. 
For you, only prayer comes out of my heart. 

इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की। आज पहली बार उस से मैंने बेवफ़ाई की। 
Separations were so intense and so continuous. 
For first time today, with her I was treacherous. 

उम्र भर कौन निभाता है तआल्लुक़ इतना। 
ऐ मिरी जान के दुश्मन तुझे अल्लाह रखे।..... अहमद फ़राज़...... 

Who maintains such a contact for life ? 
O my enemy ! May God save your life. 

अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही हो। 
आँसू की जगह आँख से हसरत निकल आए।...... अहमद फ़राज़.... 

If this is the desire of heart so be it peers. 
From eyes let desires fall in place of tears. 

 ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे। 
तू बहुत देर से मिला है मुझे। 

One blame is for life, my fate. That I met you far too late. 

जब आ जाती है दुनिया लौट कर फिर अपने मरकज़ पर। 
तो वापस लौट कर गुज़रे ज़माने क्यों नहीं आते ?...... इबरत मछलीशहरी.....

When  world comes to centre a making a round. 
Why do not the gone times also aground ? 

ज़ेहन में याद के घर टूटने लगते हैं 'शहाब'। 
लोग हो जाते हैं जी जी के पुराने कितने ! 
....... मुस्तफ़ा शहाब....... 

O'Shahaab' house of memory starts breaking in mind. 
Men get old living, are so difficult to find. 

आँख से दूर नहो दिल से उतर जाएगा। 
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा। 
Don't be out of sight, you 'll be out of heart. 
What's there in time, will pass pert by part. 

हम को अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तिरा।
कोई तुझ सा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रक्खे। 

I simply do not like your namesake. 
If someone is like you, can your name take. 

दिल भी पागल है उसी शख़्स से वाबस्ता है। 
जो किसी और का होने दे न अपना रक्खे। 

The heart is simply mad, is attached to her so bad.
 Who doesn't keep with her well, nor let with others gel. 

अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हम। 
ये ही बहुत है तुझ को अगर भूल जाएँ हम। 

Now why with someone should I grow contact. 
It is enough that I should forget you in fact. 

आह किस की जुस्तजू आवारा करती है तुझे ? 
राह तू, रहरौ भी तू, रहबर भी तू, मंज़िल भी तू।...... इक़बाल...... 

  Whose search has made a vagabond of you ? 
Path, cotraveller, guide and goal are you. 

काँपता है दिल तिरा अंदेशा-ए-तूफ़ाँ से क्या ? 
ना ख़ुदा तू, बहर तू, कश्ती भी तू, साहिल भी तू। 

Does your heart tremble with incoming storm ? 
The ship, shipman, stream and shore are you. 

वाए नादानी कि तू मोहताज - ए-साक़ी हो गया। 
मय भी तू, मीना भी तू, साक़ी भी तू, महफ़िल भी तू। 

What a pity, you have become dependent on barmaid. 
The drink, drinkpot, barmaid and gathering are you. 

थी किसी दरमंदा राही की सदा-ए-दर्दनाक।
जिस को आवाज़-ए-रहान-ए-कारवाँ समझा था मैं। 

Tired passenger's anguished cry was what I took for. 
Blowing of a caravan conch she'll coming from afar. 

तू ही नादाँ चंद कलियों पर क़नाअत कर गया। 
वर्ना गुलशन में इलाज - ए-तंगी-ए-दामाँ भी है। 

You are stupid to be satisfied with buds so few. 
In the garden, can widen collecting skirt in review. 

आँख जो कुछ देखती है लब पे आ सकता नहीं। 
महव-ए-हैरत हूँ ये दुनिया क्या से क्या हो जाएगी।..... इक़बाल..... 

The lips can not record what the eyes can see. 
I am surprised what the world is, what it can be 

ज़िन्दगी इंसाँ की है मानिंद-ए-मुर्ग़-ए-ख़ुशनवा।
शाख़ पर बैठा कोई दम चहचहाया उड़ गया।......... इक़बाल....... 

Life of man and singing bird are alike, nothing new. 
Perched on a branch, sang for a while and then flew. 

जिस गोश-ए-दुनिया में परस्तिश हो वफ़ा की। 
काबा है वही और वही बुतख़ाना है मेरा। 
...... चकबस्त...... 

Just any corner of the world, where loyalty is worshipped. 
It's my Kaaba and temple, where this forehead is tipped. 

बाद-ए(फ़ना फ़ुज़ूल है नाम-ओ-निशाँ की फ़िक्र। 
जब हम नहीं रहे तो रहेगा मज़ार क्या ? 
......... चकबस्त....... 

After death why care about name and fame ? 
When I left, how long will stay the tomb's name ? 

लाले को कहाँ नसीब वो दाग ? 
जो दिल को दिए हैं आरज़ू ने। 
..... फ़ज़्ले हक़ आज़ाद अज़ीमाबादी..... 

So many spots  isn't daffodil fated to sport. 
As desires have planted in my heart's court. 

किसी ने मोल न पूछा दिल-ए-शिकस्ता का। 
कोई ख़रीद के टूटा प्याला क्या करता ? 

None even enquired about the price of broken heart.
Who will like to purchase a cup part by part ? 

अजब क़िस्मत है अपने दिल की बाज़ार - ए-मोहब्बत में। 
जो कोई सुब्ह इस को ले गया ता शाम ले आया।.. ग़ुलाम हैदर मज्जूब....... 

In love's market, there's peculier fate of my heart. 
Bought in morn', brought back by evening to mart. 

ठहर के पाँव का काँटा निकालने वाले। 
ये होश है तो जुनूँ कामयाब क्या होगा ? 

If you stop to take thorns out of feet. 
While so await it's) not a frenzy feat. 

होश जाता नहीं रहा लेकिन। 
जब वो होते हैं तब नहीं आता।.... मीर...

It's not that I have lost my sense. 
But in her presence, it's in past tense. 

ये हसीं खेत फटा पड़ता है जोबन जिनका। 
किस लिए इनमें फ़क़त भूख उगा करती है ?..... इक़बाल..... 

These lovely fields O so beautiful with bodies bursting through the crease. 
Why is it that it's only hunger that can grow in these with ease. 

अजीब होते हैं आदाब-ए-रुख़सत-ए-महफ़िल। 
कि उठ के वो भी गया जिसका घर न था कोई। 

Strange are the manners to leave the collect, it's show. 
He also left in style, who had nowhere to go. 






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