Monday 28 November 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +10 COUPLETS

ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है
उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है..... हैदर अली आतिश.....

My love! One who gave you a moon like face.
That God gave me love for
 it to trace.

तरब-ज़ारों पे क्या गुज़री सनम-ख़ानों पे क्या गुज़री? 
दिल - ए-नादाँ मिरे मरहूम अरमानों पे क्या गुज़री?..... साहिर लुधियानवी.....

What befell temples and on music places as a spell ?
O innocent heart ! What on
 my dead desires befell ? 

रह गया दर्द दिल के पहलू में 
ये जो उल्फ़त थी दर्द-ए-सर न हुई
..... अफ़ीफ़ सिराज.....

Pain remained by the side of heart. 
Love didn't sit on my head from start. 

नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर घर का रस्ता भूल गया 
क्या है तेरा, क्या है मेरा, अपना पराया भूल गया..... मीराजी..... 

The traveller went places lost track of his home. 
What's your 's, what's mine, he forgot while on roam. 

दिल दे तो इस मिज़ाज का परवर-दिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
..... दाग़ देहलवी .... 

O Almighty! Give me this type of heart. 
Which bears time of joy' n pain on same cart. 

दिल की बस्ती भी शहर-ए-दिल्ली है 
जो भी गुज़रा है, उस ने लूटा है
..... बशीर बद्र..... 

Heart 'n Delhi city are equally booted. 
Who ever has traversed these,has looted. 

दिल के अक्सर फ़साने हाय' जमील'
आँसुओं में सुनाए जाते हैं 

O' Jameel'! Often  tales of heart. 
Are narrated in tears on their  part. 

दिल का क्या मोल है, शर्मिंदा न कीजे मुझ को
आप की चीज़ है, ले जाइए, क़ीमत कैसी? 

What's the price of heart? Don't put me to shame from  start. 
It's something of your own, there's  no price - tag on. 

ये तो इंसानों के टूटे हुए दिल  हैं साक़ी
हम से टूटे हुए साग़र नहीं देखे जाते। 

O wine girl! These are broken hearts of men. 
I can't watch broken jugs, now or then. 

दिल की बस्ती भी अजब बस्ती है
जो उजड़ने के बाद बस्ती है... मीर... 

Strange is this heart site. 
After ruins, gets set right. 

दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई 
लेकिन तमाम उम्र का आराम हो गया 

 When the heart broke, there was pain in that stroke. 
But then it also gave, peace 
of a lifetime O naive! 

जैसे वर्क-ए-गुल पर अंगारा कोई रख दे
यूँ दस्त-ए-हिनाई पर आँसू अभी टपका है
..... बशीर बद्र..... 

As an ember is placed on the petal of a flower. 
On hennaed palm trickled a tear from eye tower. 

आया ही था ख़याल कि आँखें बरस पड़ीं
आँसू किसी की याद के कितने क़रीब हैं 

As her thought came to mind, eyes rained simply blind. Someone's memory and a tear, are so nearby my dear. 

आँख से किस के आँसू टपका मौसम की बे-कैफ़ी पर
इतना बरसा टूट के बादल डूब चला मैख़ाना भी 

Whose eyes have shed tear, on joyless weather O dear! 
Clouds simply broke apart, sinking  tavern on their part. 

अब तो इतनी भी मयस्सर नहीं मैख़ाने में 
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में 
..... दिवाकर राही..... 

Now in the wine place, this little you can't trace. 
What the cup used to  receive, as a left over when I leave. 



  



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