Tuesday 27 September 2022

भक्त के वश में हैं भगवान

भक्त के वश में हैं भगवान।

सुत कुबेर के, मद के कारण गए बहुत  बौराय।
नारदजी ने क्रुद्ध हो कहा, वृक्ष बनो तुम जाय।
क्षमा याचना की तो, मुनि बोले वृंदावन जाओ। 
माँ जसुदा के आँगन में, नित हरि के दर्शन पाओ।
मुक्ति कर रक्खें मेरां मान।
भक्त के वश में हैं भगवान।। 

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