Sunday 11 September 2022

SAAQIB FAARUUQII.. GHAZAL.. BADAN CHURAATE HUE ROOH MEN SAMAAYAA KAR.....

बदन चुराते हुए रूह में समाया कर
मैं अपनी धूप में सोया हुआ हूँ साया कर 

Stealing the body, in soul be cast. 
I have slept in sun, shade me fast. 

ये और बात कि दिल में घना अंधेरा है 
मगर ज़बान से तो चाँदनी लुटाया कर 

Full darkness in heart is something else. 
But moonlight with words can be cast. 

छुपा हुआ है तिरी आजिज़ी के तरकश में 
अना के तीर इसी ज़हर में बुझाया कर

In quiver of helplessness  is hidden. 
Poison ego arrows before aim fast. 

कोई सबील कि प्यासे पनाह माँगते हैं 
सफ़र की राह में परछाइयाँ बिछाया कर 

At water hole, travellers seek
 stay. 
Enroute let shadows be cast. 

ख़ुदा के वास्ते मौक़ा' न दे शिकायत का 
कि दोस्ती की तरह दुश्मनी निभाया कर 

By God! Don't let one blame.
Let enmity like friendship last. 

अजब हुआ कि गिरह पड़ गई मोहब्बत में 
जो हो सके तो जुदाई में रास आया कर

Strange that there's a knot in love. 
Try to be pleasant when parting is cast. 

नए चराग़ जला याद के ख़राबे में 
वतन में रात सही रौशनी मनाया कर

Light new lamps in ruins of memory. 
Despite night at home, let light be cast. 

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