Sunday 11 September 2022

JIGAR MORADABADI.. GHAZAL..

क्या तअ'ज्जुब कि मिरी रूह-ए-रवाँ तक पहुँचे flowing soul

पहले कोई मिरे नग़्मों की ज़बाँ तक पहुँचे 
Tumult of sorrows, tolerance
जब हर इक शोरिश-ए-ग़म ज़ब्त-ए-फ़ुग़ाँ तक पहुँचे 

फिर ख़ुदा जाने ये हंगामा कहाँ तक पहुँचे 

आँख तक दिल से न आए न ज़बाँ तक पहुँचे 
Beloved
बात जिस की है उसी आफ़त-ए-जाँ तक पहुँचे 

तू जहाँ पर था बहुत पहले वहीं आज भी है 
noble drinkers
देख रिंदान-ए-ख़ुश-अन्फ़ास कहाँ तक पहुँचे 

जो ज़माने को बुरा कहते हैं ख़ुद हैं वो बुरे 
Hard of hearingm or deaf
काश ये बात तिरे गोश-ए-गिराँ तक पहुँचे 
Mr. Preacher
बढ़ के रिंदों ने क़दम हज़रत-ए-वाइ'ज़ के लिए 
DOOR of the elder of tavern 
गिरते पड़ते जो दर-ए-पीर-ए-मुग़ाँ तक पहुँचे 
Disturbed state
तू मिरे हाल-ए-परेशाँ पे बहुत तंज़ न कर 

अपने गेसू भी ज़रा देख कहाँ तक पहुँचे 
Politicians
उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें 

मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे 

इश्क़ की चोट दिखाने में कहीं आती है 
Gestures... Words and description 
कुछ इशारे थे कि जो लफ़्ज़-ओ-बयाँ तक पहुँचे
Restless.. Veil of nature
जल्वे बेताब थे जो पर्दा-ए-फ़ितरत में 'जिगर' 
Agitation or anxiety.. Eye of guard
ख़ुद तड़प कर मिरी चश्म-ए-निगराँ तक पहुँचे

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