Tuesday 6 September 2022

REKHTA TODAY'S 5+3 COUPLETS

किस से उम्मीद करे कोई इलाज-ए-दिल की।
चारागर भी तो बहुत दर्द का मारा निकला
..... लुत्फ़ - उर-रहमान.....

Who can you hope for treating the heart? 
The healer himself was hurt  from srart. 

तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुरसत हम अपने ग़म से कब ख़ाली? 
चलो अब हो गया मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली।..... जफ़र अली हसरत..... 

You aren't rested by rivals, 
I am not relieved of pain. 
This meeting had ended as
 we aren't empty again. 

कोई है मस्त कोई तिश्ना-काम है साक़ी। 
ये मय-कदे का तिरे क्या निज़ाम है साक़ी?..... पारसा कौसरी..... 

Someone is drunk, another thirsty O wine - girl. 
How is this winehouse managed O wine girl? 


यूँ तो है अब भी है वही रंज वहीं महरूमी। पर वो जो तेरी तरफ़ से था इशारा न रहा।
..... हबीब अशर देहलवी.....

Although even now, prevails deprivation and grief.
But that hint from your side isn't there or brief. 

तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था। 
उसको भी अपने ख़ुदा होने पे इतना
 ही यक़ीं था। ..... हबीब तालिब..... 

The man who earlier had been ruler over here.
 He too was confident of being God over here. 

यज़ीद-ए-वक़्त हुआ जिस घड़ी से तख़्त-नशीं। 
हमारे नाम के ख़ंजर हर इक में बँटने लगे।
..... नवाज़ असीमी..... 

The time when ruler became
 a tyrant here. 
Daggers in my name were given to all here. 

एक रुतबा है तिरे दर पर गदा-ओ-शाह का। 
आसमाँ कासा लिए फिरता है मेहर-ओ-माह का..... आशिक़ अकबराबादी..... 

The status of beggar and king is the same on your gate. 
The sky roams about taking sun and moon on it's  plate. 

कोई हलचल है न आहट न सदा है कोई। 
दिल की दहलीज़ पे चुपचाप खड़ा है कोई।..... ख़ुर्शीद अहमद जामी.....

There's no stir, a voice or
 light  sound of a kind. 
On threshold of heart one stands silent in mind. 

गुज़री जो राहगुज़र में उसे दरगुज़र किया। 
और फिर ये तज़किरा कभी जा कर न घर किया।..... ख़्वाजा रज़ी हैदर......

I overlooked what happened 
on the way. 
And never talked about it at home any day.

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS 

काग़ज़ तमाम किल्क तमाम और हम तमाम। 
पर दास्तान-ए-इश्क़ अभी ना-तमाम है। 
..... आदिल असीर देहलवी.....

 Over are paper, pen and me as well 
But incomplete yet is love tale spell.

आह ये महकी हुई शामें ये लोगों के हुजूम। 
दिल को कुछ बीती हुई तन्हाइयाँ याद आ गईं।..... ज़हीर कश्मीरी.....

O these fragrant evenings the and people en mass. 
Some old loneliness of the heart did memory pass.

तुम सुन के क्या करोगे कहानी ग़रीब की।
जो सब की सुन रहा है कहेंगे उसी से हम।
..... बिस्मिल अज़ीमाबादी.....

Whar will you do listening to poor man's tale.
 Who listens to all, will tell
 Him without fail.

धूप ने गुज़ारिश की।
एक बूँद बारिश की।... मोहम्मद अल्वी...

The sun made one request. 
For a drop of rain at best.

दीवार-ओ-दर पे ख़ून के छींटे हैं जा-ब-जा
बिखरा हुआ है रंग-ए-हिना तेरे शहर में।
..... कैफ़ अज़ीमाबादी.....

Blood stains are there, on walls 'n doors everywhere.
Henna stains are there, in your city here and there.

बड़े क़लक़ की बात है कि तुम इसे न पढ़ सके। 
हमारी ज़िन्दगी तो इक खुली हुई किताब  थी।..... नाज़िम सुल्तानपुरी.....

It's a matter of regret, you could not read it yet. 
My life had always been, a book open to be seen. 

REKHTA .. TODAY'S 5+1 COUPLETS 

हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मालूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी ।
..... अहमद फ़राज़..... 

After parting with you, I have so known. 
With you was a world, not you  alone. 

कमान-ए-शाख़ से गुल किस हदफ़ को जाते हैं। 
नशेब-ए-ख़ाक में जा कर मुझे ख़याल आया।..... अफ़ज़ल अहमद सैयद.....

 With what aim do flowers on arch of branch swing. 
Under depth of soil could I remember that thing. 

इस बार भी दुनिया ने हदफ़ हम को बनाया। 
इस बार तो हम शह के मुसाहिब भी नहीं थे।..... इफ़्तिख़ार आरिफ़..... 

This time also world has aimed for me. 
I wasn't even a friend of a royal to be. 

वो यूँ मिला था कि जैसे कभी न बिछड़ेगा
वो यूँ गया कि कभी लौट कर नहीं आया। 
..... आफ़ताब हुसैन.... 

He met me as if he won't part again. 
He left on the way not to  meet again. 

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी? 
तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी। 
..... जाँ निसार अख़्तर..... 

Even if a hundred moons glow, what status will be this show? 
But now that you have come, dignity of this night will come. 

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम। 
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे। 
..... राहत इंदौरी ..... 

We are not leaves that will fall from the branch.
Tell the storm to recognise it's limits at launch. 

Translated by Ravi Maun 

REKHTA TODAY'S 5+1 COUPLETS 

दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं। 
दोस्तों की मेहरबानी चाहिए। 
..... अब्दुल हमीद अदम..... 

Heart hasn't yet broken as a whole. 
Favour of friends has to play 
a role. 

तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए ।
कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए.... फ़ना निज़ाम कानपुरी ..... 

How much on your promise should my heart get deceit? 
Make an excuse that  break 
of my hopes is complete. 

वो ज़हर देता तो सब की निगाह में आ जाता। 
सो ये किया कि मुझे वक़्त पे दवाएँ न दीं।..... अख़्तर नज़्मी ..... 

Giving poison,  so many eyes could see. 
 He didn't give timely medicines to me. 

सियह-बख़्ती में है कब कोई किसी का साथ देता है? 
कि तारीकी में साया भी जुदा  होता है इंसाँ से।..... इमाम बख़्श नासिख़..... 

None gives company when horrible is your fate . 
In darkness, even shadow leaves man O mate! 

अब तो उतनी भी मयस्सर नहीं मय-ख़ाने में। 
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में। 
..... दिवाकर राही..... 

In the tavern,wine isn't even this much . 
As leftover by me in the past
 in cup. 

अब कहाँ वो पहले सी फ़ुरसतें मयस्सर हैं। 
सारा दिन सफ़र करना सारी रात को ग़म करना।..... राम रियाज़..... 

Where are available earlier  leisure times now? 
Day long travel, night long 
grief somehow. 

Translated by Ravi Maun. 

REKHTA TODAY'S 5+1 COUPLETS 

कोई भूला हुआ चेहरा नज़र आए शायद। 
आईना तूने कभी ग़ौर से देखा ही नहीं।
..... शकेब जलाली.....

May be you 'll look at some forgotten face.
You haven't seen mirror with sincerity in place. 

मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत है। 
कि ये आँसू बहाने की भी तो फ़ुरसत नहीं देते।..... वसीम बरेलवी..... 

About persistent calamities, I have only this to complain. 
These do not give rest to my eyes to shower rain. 

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम। 
वो क़त्ल भी करते हैं और तो चर्चा नहीं होता।..... अकबर इलाहाबादी..... 

I get maligned even when a sigh I take. 
He murders but rumour is 
just fake. 

सारे कपड़े बाँध रखे हैं गठरी में। 
ये गठरी भी औरों में बट जाएगी। 
..... अज़ीज़ नबील.... 

I have packed all clothes in a bundle. 
With others I will share this   bundle. 

 रोते-रोते मिरे हँसने पे ताज्जुब न करो। 
है वही चीज़ मगर दूसरे अंदाज़ में ़है। 
..... इब्राहिम होश..... 

While crying don't be surprised with my smile.
It's the same thing, but in a different style.

काश देखो कभी टूटे हुए आईनों को। 
दिल शिकस्ता हो तो फिर अपना पराया क्या है?..... ओबैदुल्लाह सलीम..... 

If only you look at shattered mirror sometime. 
Broken heart takes stranger and own in rhyme. 

Translated by Ravi Maun. 

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS.. 15.9.22

कल चौदवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तिरा। 
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तिरा।..... इब्न-ए-इंशा..... 

Yesterday was fourteenth night, you were on talk whole night. 
Some called it was the moon, others labelled it your face bright. 

तुम ज़माने की राह से आए। 
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का। 
..... बाक़ी सिद्दीक़ी..... 

You took long worldly route. 
Heart way was straight O cute! 

गाहे-गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है 'अमीर'। 
क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना। 
..... अमीर मीनाई..... 

'Ameer'! It's good to meet with a time gap. 
With daily meets, prestige does snap. 

ये हसरत रह गई, क्या क्या मज़े से ज़िन्दगी करते। 
अगर होता चमन अपना, गुल अपना, बाग़बाँ अपना। 
..... मज़हर मिर्ज़ा जान-ए-जानाँ..... 

A desire unfulfilled was how pleasant could be life. 
If mine could be the gardener, the flower, a garden life. 

रंग-ए-महफ़िल चाहता है इक मुकम्मल इंक़लाब। 
चंद शम'ओं के भड़कने से सहर होती 
नहीं ।..... क़ाबिल अजमेरी..... 

The colourful meeting wants a revolution as a whole. 
With a few inflamed lamps, the morning doesn't unroll. 

रात आ कर गुज़र भी जाती है।
 इक हमारी सहर नहीं है होती। 
..... इब्न-ए-इंशा..... 

Night comes and takes it's toll. 
Only my morning doesn't unroll.

ये दाग़ - दाग़ उजाला ये शब-गुज़ीदा सहर। 
वो इंतजार था जिस का ये वो सहर तो नहीं।..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़..... 

This spotted show of light, morning injured by night.
What we had waited for,
 it's  not that dawn light. 

थे बियाबान-ए-मोहब्बत में जो गिरियाँ आह हम। 
मंज़िल-ए-मक़सूद को पहुँचे तरी की राह हम।..... जुरत क़लंदर बख़्श..... 

We were wailing in dry desert  of love route. 
We reached the destination by a wet route. 

Translated by Ravi Maun. 


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